Friday, 29 April 2011

बुलबुल के पिंजरे में बाज़ नहीं रहते,
बुजदिल के दिल में राज नहीं रहते,
जिस कौम को सर झुकाने की आदत हो जाए,
उस कौम के सर पे कभी ताज नहीं रहते.

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